कक्षा – 4 // हिन्दी // पाठ - 6 // मिठाइयों का सम्मेलन
शब्दार्थ :-
1. सम्मेलन – सभा, बैठक
2. अवसर – मौका
3. उपेक्षा – ध्यान न देना, अनदेखी
4. अत्यधिक – बहुत ज़्यादा
5. प्रथा – परंपरा, रिवाज़
6. नियंत्रण – काबू, रोक
7. शारीरिक श्रम – शरीर से किया
गया काम
8. पौष्टिकता – शरीर के लिए पोषण
देने वाला गुण
छगनलाल हलवाई दुकान बंद करके घर
चले जाते हैं। जैसे ही दुकान बंद होती है, भीतर रखी अलग–अलग मिठाइयाँ आपस में बातें करने लगती हैं और एक सम्मेलन कर लेती
हैं। लड्डू दादा को अध्यक्ष बनाया जाता है। सम्मेलन में रसगुल्ला, गुलाबजामुन, जलेबी, बरफ़ी, पेड़ा, रबड़ी, गुजिया, कलाकंद, मैसूरपाक आदि मिठाइयाँ मौजूद
रहती हैं।
डॉक्टरों द्वारा लोगों को मिठाई
कम खाने की सलाह दिए जाने पर मिठाइयाँ चिंतित हो जाती हैं। रसगुल्ला और गुलाबजामुन
बताते हैं कि अधिक मिठास और ज़्यादा खाने से लोगों के शरीर में शक्कर की मात्रा
बढ़ जाती है, जिससे वे बीमार पड़ जाते हैं।
रबड़ी याद दिलाती है कि “जहाँ अति होती है, वहाँ क्षति होती है।” यानी किसी भी चीज़ की ज़्यादती नुकसान करती है।
लड्डू दादा सुझाव देते हैं कि
मिठाइयों में शक्कर की मात्रा कुछ कम की जाए और लोग भी अपनी जीभ पर नियंत्रण रखें, थोड़ा–थोड़ा खाएँ, ज़्यादा न खाएँ तथा शारीरिक
श्रम करते रहें, तभी वे स्वस्थ रहेंगे। अंत में लड्डू दादा सबको धन्यवाद देकर सम्मेलन समाप्त
करने की घोषणा करते हैं।
प्रश्न–उत्तर (पाठ पर आधारित)
(क) मौलिक प्रश्न–उत्तर
प्रश्न 1: मिठाइयों ने सम्मेलन कब किया?
उत्तर: जब छगनलाल हलवाई दुकान
बंद करके घर चले गए, तब दुकान के भीतर रखी मिठाइयों
ने अवसर पाकर सम्मेलन किया।
प्रश्न 2: रसगुल्ला भाई के अनुसार मिठाइयों की उपेक्षा
का क्या कारण है?
उत्तर: रसगुल्ला भाई के अनुसार
उनकी अति मिठास ही उनकी उपेक्षा का कारण है, क्योंकि बहुत अधिक मिठास लोगों
के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
प्रश्न 3 : रबड़ी जी ने “जहाँ अति होती है, वहाँ क्षति होती है” कहकर क्या समझाया?
उत्तर: रबड़ी जी ने समझाया कि
किसी भी चीज़ की ज़्यादा मात्रा नुकसान पहुँचाती है। लोग जब मिठाइयाँ ज़्यादा खाते
हैं तो बाद में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ झेलते हैं।
प्रश्न 4: लड्डू दादा ने क्या–क्या सुझाव दिए?
उत्तर: मिठाइयों में शक्कर की मात्रा
कुछ कम करने का सुझाव दिया।
लोगों को अपनी जीभ पर नियंत्रण
रखने को कहा।
मिठाई की अति न करने तथा
शारीरिक श्रम करते रहने की सलाह दी।
प्रश्न 5: “फिर हमें मिठाई कौन कहेगा?” गुलाबजामुन ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर: जब लड्डू दादा ने
मिठाइयों में शक्कर कम करने की बात कही, तब गुलाबजामुन को लगा कि अगर
शक्कर ही कम हो गई तो मिठाइयाँ फीकी हो जाएँगी और लोग उन्हें मिठाई नहीं मानेंगे, इसलिए उसने ऐसा कहा।
प्रश्न 6: इस पाठ में जीभ पर नियंत्रण रखने की बात
क्यों कही गई है?
उत्तर: जीभ स्वाद के चक्कर में
हमें ज़्यादा मीठा खाने के लिए उकसाती है। ज़्यादा मीठा खाने से शरीर में शक्कर की
मात्रा बढ़ जाती है, इसलिए स्वस्थ रहने के लिए जीभ
पर नियंत्रण रखने की बात कही गई है।
बातचीत के प्रश्न (मौखिक / लिखित)
1. आपको कौन–सी मिठाई सबसे अधिक पसंद है और क्यों?
उत्तर – मुझे रसगुल्ला
सबसे अधिक पसंद है, क्योंकि वह रस से भरा, नरम और हल्का होता है।
2. आपके घर में मिठाई कब–कब बनाई या बाँटी जाती है?
उत्तर - हमारे घर में त्योहारों - दीपावली, होली,मकर संक्रांति, ईद आदि के साथ-साथ जन्मदिन, विवाह समारोह आदि अवसरों पर, परीक्षा में अच्छे परिणाम और मेहमानों के आने पर मिठाई बाँटी जाती है।
3. घर से विद्यालय तक जाते हुए आपको किन–किन वस्तुओं की
दुकानें दिखती हैं?
उत्तर - फल की दुकान, दूध, सब्ज़ी, मिठाई, कपड़े, किताबें, दवाई, स्टेशनरी आदि दुकानों
4. अगर आप अपनी कक्षा में मिठाइयों की तरह किसी चीज़ का
सम्मेलन कराएँ तो किन बातों पर चर्चा करेंगे?
उत्तर - विद्यार्थी अपनी कक्षा में बालसभा का आयोजन करते हुए समय का महत्व, पर्यावरण, बातूनी पक्षी, स्वास्थ्यवर्धक फल-सब्ज़ियाँ आदि विषयों पर चर्चा कर सकते हैं।
अभ्यास – शब्द और भाषा
(क) एकवचन – बहुवचन
1. मिठाई – मिठाइयाँ
2. जलेबी – जलेबियाँ
3. रसगुल्ला – रसगुल्ले
4. इमरती – इमरतियाँ
5. पेड़ा – पेड़े
(ख) दो शब्दों से बने मिठाइयों के नाम
शब्द दिए हैं – सोन, रस, कला, पेठा, जामुन, बालू, कतली, भोग, शाही, मोहन, पापड़ी, काजू
1. रस + मलाई = रसमलाई
2. गुलाब + जामुन = गुलाबजामुन
3. शाही + टुकड़ा = शाही टुकड़ा
4. मोहन + थाल = मोहनथाल
5. काजू + कतली = काजू कतली
6. बालू + शाही = बालूशाही
7. पेठा + बर्फी = पेठा बर्फी (या
‘काला पेठा’ आदि – शिक्षक अपनी सुविधा से)
(ग) मुहावरे / कहावतें
पाठ में दिया मुहावरा – “मन में
लड्डू फूटना” = बहुत प्रसन्न होना।
उदाहरण वाक्य:
जब मुझे प्रथम पुरस्कार मिला, तो मेरे मन में लड्डू फूटने
लगे।
1. आलू जैसा सीधा – बहुत सरल और
सीधा स्वभाव वाला।
2. मिर्ची लगना – बात बुरी लगना, गुस्सा आना।
3. अंगूर खट्टे हैं – न मिलने वाली चीज़ को बुरा कहना।
इस पाठ में मिठाइयों को लड्डू दादा, बरफ़ी बहन आदि नामों से पुकारा गया है। नीचे दिए गए उदाहरण के अनुसार मिठाइयों को अपनी पसंद के नाम देते हुए उनके चित्र भी बनाइए ।
उत्तर :
- गुलाबजामुन
– गुलाबजामुन मामा’
- गुझिया
– गुझिया ‘ बुआ
- काजूकतली
– “काजूकतली मौसी
- मैसूरपाक
– “मैसूरपाक चाचा
विद्यार्थी मिठाइयों के चित्र
बनाएँगे। वे अपनी पसंद से मिठाइयों को अन्य रिश्तों के नाम भी दे सकते हैं।
हमारी मिठास
प्रश्न 1. हमारे
देश के विभिन्न प्रदेशों में बनाई जाने वाली मिठाइयों के बारे में पता कीजिए और
उनके नाम भी लिखिए-
उत्तर :
|
प्रदेश/केंद्रशासित प्रदेश |
मिठाई |
|
गोवा |
बेबिका |
|
ओडिशा |
छेना पोड़ा |
|
“बिहार” |
“ठेकुआ |
|
‘गुजरात’ |
“”बासुंदी” |
|
“महाराष्ट्र” |
“मोदक’ |
प्रश्न 2. पढ़िए, समझिए और लिखिए-
उत्तर:
“मीठा → “मिठास → “रसगुल्ला
‘खट्टा’ → ‘खटास → नीबू, आँवला
‘नमक → “नमकीन → पापड़, समोसा
“कड़वा” → ‘कड़वाहट’ → करेला, मेथी
प्रश्न 3. विभिन्न
प्रकार की मिठाइयाँ बनाने के लिए अनाज, साग-भाजी, फल-फूल, पत्ते, दलहन, तिलहन
और सूखे मेवे आदि का उपयोग होता है। अपने अध्यापक या अभिभावक की सहायता से दी गई
तालिका को पूरा कीजिए –
उत्तर :
भाषा की बात
प्रश्न 1. ‘मन में
लड्डू फूटना’ का अर्थ है अत्यधिक प्रसन्न होना, जैसे-जब ज्योति को लाल किला जाने का अवसर मिला तो
उसके मन में लड्डू फूटने लगे। इस प्रकार फलों, मसालों और साग तरकारियों पर आधारित मुहावरे ढूँढ़कर
लिखिए।
(क)
अंगूर खट्टे हैं। – न प्राप्त होने वाली वाली वस्तु को बुरा कहना”
(ख) “ऊँट
के मुँह में जीरा – ________________________
(ग) नमक
मिर्च लगाना’ – ________________________
(घ) एक
अनार, सौ
बीमार – ________________________
(ङ)
“थाली का बैंगन – ________________________
उत्तर :
(क)
अंगूर खट्टे हैं। – न प्राप्त होने वाली वाली वस्तु को बुरा कहना”
(ख) “ऊँट
के मुँह में जीरा – आवश्यकता के हिसाब से कम मात्रा
(ग) नमक
मिर्च लगाना’ – ‘स्वार्थी और पल-पल में बदलने वाला”
(घ) एक
अनार, सौ
बीमार – वस्तु ” एक “और “चाहने ” वाले “अनेक”
(ङ)
“थाली का बैंगन – स्वार्थी “और” पल-पल “में ” बदलने ” वाला
अब इन मुहावरों के अर्थ लिखकर
वाक्य भी बनाइए ।
विद्यार्थी
मुहावरों और इनके अर्थ को पढ़कर वाक्य बनाएँगे।
उत्तर :
|
एक (एकवचन) |
अनेक (बहुवचन) |
|
मिठाई |
“मिठाइयाँ” |
|
जलेबी |
“जलेबियाँ” |
|
रसगुल्ला |
“रसुगल्ले |
|
इमरती |
“इमरतियाँ” |
|
पेड़ा |
“पेड़े’ |
प्रश्न 3. कुछ
मिठाइयों के नाम दो शब्दों के मेल से बनते हैं। यहाँ कुछ नाम दिए गए हैं। इनकी
सहायता से मिठाइयों के पूरे नाम लिखिए-
(क) रस +
“मलाई = ‘रसमलाई’
(ख)
गुलाब + “जामुन” =________________________
(ग)
बालू’ + “शाही” = ________________________
(घ)
“मोहन + भोग = ________________________
(ङ) कला
+ “कंद” = ________________________
(च)
“काजू” + “कतली” = ________________________
(छ)
सोन.. + “” पापड़ी ” = ________________________
(ज)
“अंगूरी + पेठा = ________________________
उत्तर :
(क) रस +
“मलाई = ‘रसमलाई’
(ख)
गुलाब + “जामुन” = “गुलाबजामुन
(ग)
बालू’ + “शाही” = “बालूशाही
(घ)
“मोहन + भोग = “मोहनभोग
(ङ) कला
+ “कंद” = ‘कलाकंद’
(च)
“काजू” + “कतली” = “काजूकतली
(छ)
सोन.. + “” पापड़ी ” = ‘सोनपापड़ी
(ज)
“अंगूरी + पेठा = “अंगूरीपेठा
साग- भाजियों का सम्मेलन
ऋषभ और गुरप्रीत एक दिन घर में खेल रहे थे कि अचानक
उन्हें रसोईघर से कुछ आवाजें आईं। वहाँ साग – भाजियाँ आपस में बातें कर रही थीं।
उनकी बातचीत को पूरा कीजिए ।
आलू –
मैं साग-भाजियों का राजा हूँ। मेरे बिना सारी साग – भाजियाँ अधूरी हैं।
बैंगन –
तुम राजा हो तो क्या हुआ? मैं भी कम स्वादिष्ट नहीं !
टमाटर –
________________________
प्याज़
– ________________________
मिर्च –
________________________
उत्तर :
- आलू –
मैं साग-भाजियों का राजा हूँ। मेरे बिना सारी साग – भाजियाँ अधूरी हैं।
- बैंगन
– तुम राजा हो तो क्या हुआ? मैं भी
कम स्वादिष्ट नहीं !
- टमाटर
– “और मेरे बारे में तो सब जानते ही हैं कि मैं सभी सब्ज़ियों का स्वाद
दुगुना कर देता हूँ।
- प्याज़
– “बिलकुल सही कहा । मेरा प्रयोग सब्ज़ियाँ बनाने तथा सलाद में किया जाता है
।” मैं “लोगों को गरमियों के मौसम में लू लगने से बचाती हूँ।
- मिर्च
– “”अरे वाह! सभी अपनी- अपनी तारीफ़ कर रहे हैं, पर मत भूलो स्वाद में तड़का तो “मैं ही लगाती
हूँ। मेरे बिना खाने में स्वाद कहाँ!
- भिंडी
– ‘मुझमें कैल्शियम और विटामिन होने के कारण मैं हड्डियों को मज़बूती प्रदान
” करती हूँ। गोभी रानी, तुम भी
अपने बारे में कुछ बताओ।
- गोभी –
“मुझे तो हर बच्चा “पसंद करता है। सब्ज़ी हो, पराँठा या हो मंचूरियन सभी जगह ” मेरे ही स्वाद
के चर्चे हैं।
- करेला
– ” स्वाद ही सब कुछ नहीं होता। मैं थोड़ा कड़वा ज़रूर हूँ पर सबसे ज़्यादा
शरीर को लाभ मैं ही पहुँचाता हूँ।
- पालक –
“ठीक कहा, करेला
भाई। अकसर लोग स्वाद के चक्कर में सेहत को नज़रअंदाज’ “कर देते हैं। हरी
सब्ज़ियाँ तो सेहत का खज़ाना होती हैं।
- लौकी –
मेरे लिए भी लोगों का यही विचार है कि दिखने में सीधी-सादी और स्वाद में
“फीकी। भले ही लोग मुझे खास पसंद न करे, लेकिन
असली ताकत दिखावे में “”नहीं, बल्कि
गुणों में होती है।
हम और हमारा स्वास्थ्य
प्रश्न 1. स्वस्थ
रहने के लिए आप क्या – क्या करते हैं? इससे
संबंधित पाँच वाक्य अपनी लेखन – पुस्तिका में लिखिए ।
उत्तर : स्वस्थ
रहने के लिए पाँच वाक्य इस प्रकार लिखे जा सकते हैं-
1. हमें
प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर टहलने जाना चाहिए।
2. हरी
सब्ज़ियाँ तथा ताज़े – मौसमी फलों को अपने आहार का हिस्सा बनाना चाहिए।
3. हमें हर
रोज़ व्यायाम करना चाहिए।
4. अपने
शरीर तथा आसपास की साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखना चाहिए ।
5. ठीक समय
पर सोना तथा जागना चाहिए ।
प्रश्न 2. “ जहाँ
अति होती है, वहाँ
क्षति होती है।” अगर आपके पास इस कथन से संबंधित कोई अनुभव है तो उसे कक्षा में
साझा कीजिए और उस चर्चा कीजिए। शिक्षक भी कुछ उदाहरण देकर अपने अनुभव साझा कर सकते
हैं।
उत्तर :
विद्यार्थी
अपने अनुभव के आधार पर इस प्रकार उत्तर दे सकते हैं-
- बाहर
का खाना अधिक खाने से पेट दर्द हो गया।
- अधिक
आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक के सेवन से गला खराब हो गया ।
- अधिक
टी०वी० देखने से आँखों की दृष्टि कमज़ोर हो गई।
भूल-भुलैया
भाई – बहन मिठाइयों के सम्मेलन
में गए थे और लौटते समय घर का रास्ता भूल गए। इन्हें जलेबी भूल-भुलैया से बाहर
निकालिए-
उत्तर :
विद्यार्थी
जलेबी पर अंकित एक से बीस तक की गिनती पर पेंसिल फिराते हुए जलेबी भूल-भुलैया से
बाहर निकलेंगे।
मिठाई वितरण
चटपटी चाट
चटपटी बनाने के मलए आपको चामहए—
- अंकुरित
चने, मूँग
आदि।
- उबले
आलू
- टमाटर
- हरी
मिर्च और हरा धनिया (इच्छानुसार)
- खीरा
- प्याज
- काला/सादा
नमक (स्वादानुसार)
- चाट
मसाला
- नींबू
- भुना
जीरा पाउडर
उत्तर :
विद्यार्थी
विभिन्न फलों, सब्ज़ियों, चना आदि सामग्रियों का उपयोग कर
चटपटी चाट बना सकते हैं।
गृहकार्य
बहुत लघु उत्तर
1. मिठाइयों के सम्मेलन में किसे अध्यक्ष बनाया गया?
2. दो मिठाइयों के नाम लिखिए जो सम्मेलन में उपस्थित थीं।
3. “जहाँ अति होती है, वहाँ ………” पूरी कहावत लिखिए।
4. डॉक्टर लोग मिठाई कम खाने की सलाह क्यों देते हैं?
5. स्वस्थ रहने के लिए हमें रोज़ क्या करना चाहिए?
लघु उत्तर (3–4 पंक्ति)
1. मिठाइयों को अपना भविष्य क्यों चिंताजनक लगा?
2. रबड़ी जी और लड्डू दादा की बातें हमारे लिए कैसे उपयोगी हैं?
3. मिठाइयों का सम्मेलन हमें क्या संदेश देता है?
दीर्घ उत्तर (5–7 पंक्ति)
1. “मिठाइयाँ दोषी नहीं, हमारी आदतें दोषी हैं” – इस कथन को पाठ के आधार पर समझाइए।
2. अगर आप डॉक्टर होते, तो बच्चों को मिठाई खाने के बारे में क्या–क्या सुझाव देते?
मिलान कीजिए
कॉलम – A कॉलम – B
लड्डू दादा सम्मेलन के अध्यक्ष
रसगुल्ला अधिक मिठास की चिंता
रबड़ी जी “जहाँ अति होती है, वहाँ क्षति होती है।”
डॉक्टर मिठाई कम खाने की सलाह
गुलाबजामुन “फिर हमें मिठाई कौन कहेगा?”
सही–गलत
1. छगनलाल हलवाई दुकान खोलकर घर गए। ( )
2. मिठाइयों ने अपने स्वास्थ्य पर चर्चा की। ( )
3. रबड़ी जी ने कहा – “जहाँ मिठाई होती है, वहाँ क्षति होती है।” ( )
4. लड्डू दादा ने लोगों को शारीरिक श्रम करने की सलाह दी। ( )
5. मिठाइयाँ चाहती हैं कि लोग उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा खाएँ, चाहे वे बीमार ही क्यों न पड़ें। ( )
रचनात्मक कार्य
1. अपनी पसंदीदा मिठाई का चित्र बनाइए और उसे कोई प्यारा–सा नाम दीजिए, जैसे –
गुलाबजामुन मामा
रसगुल्ला दादा
जलेबी दीदी आदि
2. स्वस्थ नाश्ता बनाइए –
पाठ के अंत में दी गई “चटपटी चाट” की विधि पढ़कर (पेज 114) उसकी सामग्री लिखिए और स्वयं कोई एक स्वस्थ नाश्ता सोचकर उसकी विधि लिखिए।
3. अनुच्छेद लेखन – “मीठा कम, स्वास्थ्य ज़्यादा” विषय पर 6–8 पंक्तियों का अनुच्छेद लिखिए।
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